Haldwani Voilence समुदाय के कुछ लोगों ने पुलिस और अन्य सरकारी कर्मचारियों पर पथराव किया जो बिना अनुमति के सरकारी भूमि पर बने एक मदसे और नमाज़ स्थल को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। जब ये हो रहा था तो कुछ उपद्रवियों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में आग लगा दी।
कई पुलिस कारों और समाचार वाहनों को भी खतरनाक फायरबम से जला दिया गया। गनीमत रही कि पुलिस थाने से भागकर पुलिस से बचने और सुरक्षित रहने में सफल रही।
Haldwani Voilence क्यों हुआ ?
उत्तरकखंड के हल्द्वानी जिले के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर आवेध रूप से बने हुए एक मदसे और नमाज़ स्थल को धवस्थ करने के लिए जब पुलिस और अन्य सरकारी कर्मचारियों पहुचे तो वहाँ के समुदाय के कुछ लोगों ने उन पर पथराव किया। कई पुलिस कारों तथा वाहनों पर आग ज़नी कर दी। लोगों ने पुलिस ठाणे में जा कर अपनी जान बचाई।
बनभूलपुरा में टीम क्या कर रही थी ?
टीम बनभूलपुरा में लोगों को उस जमीन पर रहने से रोकने के लिए गई थी जो उनकी नहीं है। पिछले साल हाई कोर्ट ने कहा था कि वहां रहने वाले लोगों को वहां से जाना होगा क्योंकि वह रेलवे के स्वामित्व में है. पुलिस और सरकार लोगों को हटाने के लिए तैयार थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट तय कर रहा है कि आगे क्या होना चाहिए.
सरकार के लोगों का एक दल बनभूलपुरा में मलिक का बगीचा नामक स्थान पर गया। वे उन लोगों की समस्या का समाधान करना चाहते थे जहां वे ऐसी चीजें बना रहे हैं जहां उन्हें नहीं बनाना चाहिए। उन्हें प्रार्थना के लिए एक स्कूल और जगह मिली जहां उन्हें जाने की अनुमति नहीं थी। गुरुवार दोपहर पुलिस, सरकार और बड़ी-बड़ी मशीनें लेकर कर्मचारी अवैध रूप से बनाई गई चीजों को नष्ट करने पहुंचे.
कार्यालयों और पुलिस में काम करने वाले लोगों के अलावा, लगभग 700 अन्य लोग थे जो सरकार के लिए काम करते थे। लेकिन जब बुलडोजर और टीम चलने लगी तो चारों तरफ से लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. देखते ही देखते मुस्लिम समुदाय के 10,000 से ज्यादा लोगों का एक बड़ा समूह इकट्ठा हो गए।
सड़कों और घरों की छतों से पत्थर फ़ेके जा रहे थे । एसडीएम, एसपी और पुलिस अधिकारियों जैसे महत्वपूर्ण लोगों को भी पत्थर लगे। छह बजते-बजते हर तरफ अफरा-तफरी फैल गयी। बड़ी संख्या में उपद्रवी थाने पहुंचे और पुलिस और मीडिया की कई गाड़ियों में आग लगा दी। अन्य इलाकों में भी 50 से ज्यादा गाड़ियां जल गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं।
उच्च न्यायालय ने बनभूलपुरा, हल्द्वानी में मलिक और अच्छन खां के बगीचों पर लोगों को कब्जा करने और उन्हें नष्ट करने से रोकने के अनुरोध पर सुनवाई की। न्यायाधीश ने अनुरोध करने वाले व्यक्ति की मदद नहीं की और एक नई तारीख 14 फरवरी निर्धारित की, जब वे इस बारे में फिर से बात करेंगे।
यह स्थिति बहुत महत्वपूर्ण थी, इसलिए सरकार की ओर से विशेष वकील बोलने गए । उन्होंने अदालत को बताया कि ज़मीन का यह टुकड़ा बिना अनुमति के अलग-अलग लोगों को दे दिया गया था, लेकिन यह वास्तव में खेती के लिए था। नियम यह था कि कोई भी इस पर कुछ भी निर्माण नहीं कर सकता था। लेकिन फिर भी किसी ने जमीन बेच दी, जिसकी इजाजत सरकार ने नहीं दी है ।
बवाल में कितनी जाने गई?
देर रात दो बजे तक हुए बड़े बवाल में 6 लोगों की मौत हो गई है. एसडीएम और एसपी कहलाने वाली प्रमुख महिलाओं समेत 250 से ज्यादा लोग पत्थरों की चपेट में आने से घायल हो गए और अब उन्हें अस्पतालों में मदद मिल रही है।
बनभूलपुरा बावल में लगाए गई पाबंदियाँ।
हालात ठीक नहीं होने के कारण डीएम वंदना ने रात में कोई भी बाहर नहीं निकल सकता और उपद्रवियों को देखते ही गोली मार दी जाएगी।
उन्होंने रात में इंटरनेट भी बंद कर दिया। बहुत सारे पुलिस अधिकारी और सिपाही बनभूलपुरा पर उत्पात मचा रहे लोगों की तलाश में आये। वे सभी स्कूलों कॉलेज को शुक्रवार तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं ।